۴ آذر ۱۴۰۳ |۲۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 24, 2024
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हौज़ा / प्रसिद्ध कवि और अहलेबैत (अ.स.) के प्रशंसक शमीम अमरोहवी को शोक साहित्य मे उनकी सेवाओं के लिए डॉ۔ शफाअत फहीम पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, प्रसिद्ध शायर और अहलेबैत (अ.स.) के प्रशंसक शमीम अमरोहवी को शोक साहित्य मे उनकी सेवाओं के लिए डॉ शफाअत फहीम पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इस संबंध में काजीजादा, चांद सूरज मोहल्ला, अमरोहा में बज्म इत्तेहाद और अंजुमन-ए-फ़रोगे अजा द्वारा एक समारोह का आयोजन किया गया। इमामे जुमा मौलाना सियादत हुसैन फहमी ने शमीम अमरोहवी को पुरस्कार प्रदान किया। इस अवसर पर शोक साहित्य को लेकर शमीम अमरोहवी के कलमकारी प्रयासों पर प्रकाश डाला गया।

अमरोहा, प्रसिद्ध कवि और अहलेबैत के प्रशंसक शमीम अमरोही डॉ. फहीम पुरस्कार से सम्मानित

पत्रकार और कवि जमाल अब्बास फहमी ने शोक दृश्य पेश करते हुए कहा कि ऐसे समय में जब शोक मूल्यों को भुलाया जा रहा है। नौहो का स्तर गिर रहा है। शमीम अमरोहवी ने वास्तविक शैली के नौहे लिखने की परंपरा को आगे बढ़ाया है। अमरोहा के शोक संघों ने शमीम अमरोहवी द्वारा रचित नौहो को पढ़कर प्रसिद्धि प्राप्त की है। शमीम अमरोहवी को सादेक़ीन अवॉर्ड से भी नवाजा जा चुका है।

अमरोहा, प्रसिद्ध कवि और अहलेबैत के प्रशंसक शमीम अमरोही डॉ. फहीम पुरस्कार से सम्मानित

मोहसिन नकवी ने पवित्र कुरान पढ़कर कार्यक्रम की शुरुआत की। युवा कवि फैजी अमरोहवी ने सरवर कोनैन को नाअत की पेशकश की। कार्यक्रम का निर्देशन मुहम्मद फुरकान ने किया। कार्यक्रम में शमीम अमरोहवी के सम्मान में एक समारोह का भी आयोजन किया गया। समारोह की अध्यक्षता नोशा अमरोहवी ने की। इस मौके पर पूर्व बढ़ई हसनैन नकवी, मौलाना इसरार हुसैन, शायर अहलेबैत हसन इमाम, मोहसिन नकवी और जमाल अब्बास फहमी मौजूद थे। नोशा अमरोहवी, लियाकत अमरोहवी, डॉ. लाडले रहबर, हसन इमाम, वसीम अमरोहवी, ताजदार मुजतबा, अफजल अमरोहवी, कासिम इब्न रफी, शादाब अमरोहवी, मेहदी जैदी मेरठी, अशरफ फ़राज़, मोहम्मद ज़िया काज़मी, हुमायूँ हैदर, मोहसिन नकवी, इकतदार हुसैन और जमाल अब्बास फहमी ने चौदह मासूमो की बारगाह मे नजराना ए अकीदत पेश किया।

अमरोहा, प्रसिद्ध कवि और अहलेबैत के प्रशंसक शमीम अमरोही डॉ. फहीम पुरस्कार से सम्मानित

कार्यक्रम के संयोजक, युवा कवि और ग़ज़लकार हुमायूँ हैदर ने कार्यक्रम का उद्देश्य बताते हुए कहा कि बज़्म-ए-इत्तेहाद और अंजुमने फ़रोग़े अज़ा ने अपने जीवनकाल में विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय कलाकारों की सेवाओं को स्वीकार करना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया जारी रहेगी।

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